खूबसूरती के मामले में बोलीवुड एक्ट्रेस को भी पीछे छोड़ देती है इस गाँव की सरपंच, अदाएं देखकर…

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In case of beauty the bollywood actress too lags behind this village sarpanch,

यह दुनिया बहुत ही खूबसूरत है। अब वह चाहे कोई इंसान हो या प्राकृतिक वस्तु। खूबसूरती के मामले में तो यह दुनिया किसी से कम नही है। कुछ लोग तो इतने ज्यादा खूबसूरत होते है कि हर कोई उनकी तरफ आकर्षित हो ही जाता है। कुछ लोगो की बस एक झलक ही किसी को दीवाना बनाने के लिए काफी होती है। अब कहने वाले तो यह भी कहते है कि खूबसूरती किसी चीज़ म नाइ बल्कि देखने वालो की आंखों में होती है। अब चाहै कोई कितना भी खूबसूरत हो यदि वह सामने वाले कि नज़र में खूबसूरत नही है तो उसकी खूबसूरती बेमायने है। हालांकि तन की खूबसूरती को मन की खूबसूरती से ज्यादा तवज्जु देनी चाहिए। पर आज की दुनिया मे ऊपरी सुंदरता की ही प्राथमिकता दी जाती है।

इस सरपंच की तुलना की जाती है बॉलीवुड अभिनेत्रियों से

जिस तरह से एक पूरे परिवार की जिम्मेदारी घर के मुखिया पर होती है उसी तरह 1 पूरे गाँव की जिम्मेदारी गाव के सरपंच पर होती है। गाव से जुड़ी अछि व बुरी बाते उन्हें ही सोचनी व समझनी पड़ती है। यदि सरपंच अच्छा हो तो गाव की नैया पार हो जाती है और यदि बुरा हो तो नैया डूब जाती है। अक्सर ऐसा देखा जाता है गाव में सरपंच कुछ हद तक अधेड़ उम्र के ही होते है। जो या तो पीढ़ी दर पीढ़ी सरपंच बनते आये हो या गाव के बड़े बुजुर7को यह पद सबकी सहमति से दे दिया जाता है। लेकिन आज हम आपको 1 गाव के ऐसे सरपंच के बारे में बताएंगे जो कि बहुत युवा भी है और खूबसूरत भी।

शहनाज़ खान को जाना जाता है उनकी काबिलियत के लिए

आज के समय मे लड़कियो का किसी भी प्रोफेशन में होना आम बात माना जाता है। पर यदि हम आपको बताये की राजस्थान के भरतपुर जिले में गहराजन गाव में अभी कुछ दिन पूर्व दक 24 साल की एमबिन/बीएस लड़की गावे के इतिहास में पहली बार सरपंच चुनी गई है तो आपको कितनी हैरानी होगी। जी हां आने बिल्कुल ठीक पढा इस गाव की शहनाज़ को उसकी काबिलियत के चलते सब गाँववालों की सहमति से गाव का सरपंच चुना गया। वह ब्यूटी विद ब्रेन का एक सटीक उदाहरण है। वह आये दिन अपनी ब्यूटी इर ब्रेन के लिए सुर्खियों में रहती है।

आज भी लोग नही भेजते है पढ़ने के लिए

आज भी हमारे समाज का यही मानना है कि एक लड़की पढ़ लिख कर क्या करेगी आखिर उसे घर में रहकर काम ही तो करना है। आज भी राजस्थान के अधिकतर गाव व जिले ऐसे है जहाँ लड़कियो को पढ़ने लिखने की अनुमति नही है। आज भी उन्हें बस चूल्हा चोका करने वाली ही माना जाता है और घर मे ही बैठा दिया जाता है। पर शहनाज़ उन सब लड़कियों व उनके माता पिता के लिए मिसाल है। जिसने साबित कर दिखाया है लडकिया सिर्फ घर तक ही सीमित नही है। यदि उन्हें भी खुद को साबित करने का मौका दिया जाए तो वे किसी से कम नही है।

सोशल मीडिया पर छाई हुई है शहनाज़

जानकारी के अनुसार शहनाज़ एक राजनीतिक परिवार से है। जहाँ दक तरफ़ उनके पिता गाव के मुखिया है तो वही दूसरी ओर उनकी माँ विधायक। अब जब कोई ऐसे राजनीतिक परिवार से हो तो राजनीति से दूर कैसे रह सकते है। तो बस शहनाज़ ने भी पहली बार मे ही राजनीतिक अखाड़े में कूद कर जीत हासिल की ओर बन गयी गाव की सरपंच। इन्ही सब के चलते शहनाज़ अपने कामो ओर खूबसूरती के चलते सोशल मीडिया पर छाई रहती है।

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