गुजरात चुनाव : कांग्रेस को हार्दिक की “ हाँ ” , मुश्किल में आ सकती हैं बीजेपी

0
915
hardik said yes to congress bjp in trouble

गुजरात चुनाव जैसे जैसे नजदीक आ रहा हैं वैसे ही हमें नयी चीजे देखने को मिल रही हैं और अब ये खबर बीजेपी के पक्ष में नहीं हैं | जहाँ इस खबर से कांग्रेस के पक्ष में ख़ुशी की लहर हैं वही बेजीपे सकते में हैं | गुजरात विधानसभा चुनाव को लेकर पाटीदार नेता हार्दिक पटेल और कांग्रेस के बीच कुछ इसी तरह की आरंभिक केमेस्ट्री देखने को मिली, लेकिन आखिरकार हार्दिक ने यह घोषणा कर ही डाली कि वे कांग्रेस का पूरा समर्थन करेंगे। साथ में उन्होंने यह भी कहा कि चूंकि कांग्रेस पाटीदारों का समर्थन करती है, इसलिए उन्होंने कांग्रेस को समर्थन करने का निर्णय लिया है। हार्दिक ने स्पष्ट कहा है कि उन्होंने अपने समुदाय के लोगों को बता दिया है कि बीजेपी को सत्ता से बाहर करने के लिए उन्हें किसे वोट करना है। पटेल पर कांग्रेस के हाथों बिकने के भी आरोप लगे। इस पर हार्दिक ने कहा कि ऐसे आरोप लगाने वाले असली पटेल नहीं हैं। हार्दिक का कांग्रेस को समर्थन देने का बयान वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल से मिलने के बाद आया है।

बीजेपी की राह मुश्किल –

माना जा रहा है कि पटेल आरक्षण पर दोनों ने किसी कानूनी रास्ते पर बात की होगी। अब सवाल यह उठता है कि क्या हार्दिक पटेल के कांग्रेस के पाले में जाने से गुजरात में भाजपा की राह जटिल हो सकती है? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भले विधानसभा चुनाव में नहीं लड़ रहे हैं लेकिन वो भाजपा के तुरुप के पत्ते तो हैं ही। वो गुजरात की लोकप्रिय राजनीतिक छवि हैं। बेशक, भाजपा को उनके करिश्मा पर ही भरोसा है। यूं कहें कि गुजरात में यूथ आईकन बन चुके हार्दिक पटेल के कांग्रेस के साथ आ जाने और पाटीदार समाज के कांग्रेस को समर्थन किए जाने से भाजपा की राह थोड़ी मुश्किल जरूर हो गई है। पर, इसे अब भी कांग्रेस के लिए कांग्रेस के लिए क्लीन स्वीप नहीं माना जा सकता। क्योंकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के लिए भी यह चुनाव प्रतिष्ठा का प्रश्न बना हुआ है।

क्या कहते हैं राजनीती विशेषग्य –

राजनीति के जानकार बताते हैं कि मोदी-शाह कितना भी जोर लगा लें लेकिन भाजपा के लिए एक बड़ी चुनौती के रूप में हार्दिक पटेल के आंदोलन का असर है जिससे पार्टी के पारंपरिक वोट बैंक पाटीदारों पर प्रभाव पड़ने के आसार हैं। इससे पार पाने के लिए भाजपा जी तोड़ कोशिशों में जुटी है। यही वजह है कि वो हार्दिक पटेल के कोर ग्रुप को तोड़ने में कामयाब हो गए हैं और उनके पूर्व सहयोगियों को भाजपा में शामिल भी कर लिया है। उनकी गणना है कि यदि हार्दिक पटेल को अलग-थलग करने में कामयाब रहे तो उनका प्रभाव केवल कड़वा समुदाय तक ही रहेगा, जिससे उन्हें केवल कुछ ही सीटें मिल सकेंगी। इसलिए अगर हार्दिक के कांग्रेस का समर्थन करने से भाजपा की नज़र में उसे कुछ ज़्यादा नुकसान नहीं होगा।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here