मूवी रिव्यु : दा गाजी अटैक

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The Ghazi Attack movie review

मूवी रिव्यु : दा गाजी अटैक

कलाकार :
के.के. मेनन, राणा दग्गुबाती, ओम पुरी, तापसी पन्नू, अतुल कुलकर्णी

निर्देशन – संकल्प रेड्डी

1971 में भारत पाक के बीच हुई जंग से पहले गहरे समुद्र में ढाई सौ से तीन सौ मीटर पानी के नीचे एक ऐसी जंग लड़ी गई, जिसके बारे में बहुत कम लोगों को ही पता है।  दा गाजी अटैक एक ऐसे ही वार की कहानी हैं जो शायद कम ही लोग जानते हो | पानी के अंदर लड़ी गई इसी जंग पर बनी यह फिल्म एक ऐसी बेहतरीन फिल्म है जिसे देखते वक्त आप भारतीय होने पर गर्व महसूस कर सकेंगे।

The Ghazi Attack movie review

कहानी –

नवंबर 1971 में दुनिया के नक्शे में आज के बांग्ला देश की पहचान ईस्ट पाकिस्तान के नाम से हुआ करती थी। उस दौर में पूर्वी पाकिस्तान में दमन और नरसंहार का दौर चल रहा था। पूर्वी पाकिस्तान में रहने वाला हर शख्स पाकिस्तानी सेना के जुल्म का शिकार था।  इसी दौर में 17 नवंबर 1971 को इंडियन नेवी के हेडक्वॉर्टर में एक सीक्रेट जानकारी आती है कि पाकिस्तानी नेवी बीच समुद्र में देश की रक्षा में तैनात भारत के सबसे बड़े समुद्री बेड़े आईएनएस विक्रांत पर हमला कर सकती है। नेवी हेडक्वॉर्टर के आला अफसर नंदा (ओम पुरी) इस सूचना की पूरी जांच कर लेना चाहते हैं। इसी मकसद से नंदा एक ऑपरेशन सर्च लैंड टीम बनाते हैं। इस सर्च टीम की कमान पनडुब्बी एस 21 के कैप्टन रणविजय सिंह (के.के. मेनन) के साथ साथ लेफ्टिनेंट कमांडर अर्जुन (राणा दग्गुबाती) को सयुंक्त रूप से दी जाती है। एस 21 पनडुब्बी की इस सर्च टीम में इनके साथ एक और ऑफिसर देवराज (अतुल कुलकर्णी) भी हैं। समुद्र के करीब तीन सौ मीटर नीचे जाकर इस टीम का मुकाबला पाकिस्तानी नेवी के अति आधुनिक और जंग की सभी सुविधाओं और तकनीक से सुसज्जित पाकिस्तानी पनडुब्बी पीएनएस गाजी के साथ होता है। समुद्र में कैप्टन रणविजय दुश्मन की पनडुब्बी को सामने पाकर उसे खत्म करना चाहते हैं, वहीं लेफ्टिनेंट कमांडर अर्जुन का मानना है जब तक हेडक्वॉर्टर से आदेश न आ जाए उस वक्त तक कुछ नहीं करना चाहिए।

एक्टिंग –

कैप्टन रणविजय सिंह के किरदार में के.के. मेनन, देवराज के रोल में अतुल कुलकर्णी के साथ-साथ लेफ्टिनेंट कमांडर अर्जुन के किरदार में राणा दग्गुबाती सभी ने अपने जीवंत अभिनय से अपने किरदार में जान डाली है। ओम पुरी अपने किरदार में सौ फीसदी फिट रहे । रिफ्यूजी डॉक्टर बनी अनन्या (तापसी पन्नू) अपनी पहचान छोड़ने में कामयाब रहीं।

देखे या नहीं –

बॉक्स ऑफिस पर एक के बाद एक आ रही चालू मसाला फिल्मों को देखकर आप यह सोचने लगे हैं कि अब अच्छी और नए सब्जेक्ट पर फिल्में बननी बंद हो चुकी है तो ‘द गाजी अटैक’ एकबार जरूर देखें। एक ऐसी जंग जिसके बारे में शायद आप नहीं जानते उस जंग को देखने का अच्छा मौका है।

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