राहुल बोलें : नोटबंदी भ्रष्टाचार के नहीं गरीबों के खिलाफ.

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rahul said demonitisation not for corruption but against poor

आज उत्तर प्रदेश में प्रधानमंत्री मोदी की परिवर्तन रैली और कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गाँधी की जन आक्रोश रैली हुई. परिवर्तन रैली कानपूर में थी और कांग्रेस की रैली जौनपुर में. दोनों ने ही अपने अपने अंदाज में नोट बंदी के विषय में बात की.

राहुल गाँधी ने नोट बंदी को 8 लाख करोड़ का घोटाला बताया. एनपीटी बंदी पर बोलते हुए राहुल ने प्रधानमंत्री मोदी के इस ब्यान पर निशाना साधाकि नोट बंदी की जानकारी सिर्फ उन्हें ही थी. राहुल गाँधी ने पूछा कि अगर ऐसा था तो पश्चिम बंगाल में 8 नवम्बर को ही बीजेपी ने अपना सारा नकद बैंक में कैसे जमा कराया और साथ ही ये भी पूछा कि अगर ये निर्णय गोपनीय था तो कैसे बिहार में करोड़ो रूपये की जमीन नोट बंदी से ठीक पहले खरीदी गयी.

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राहुल गाँधी ने कहा कि पहले कहा गया था कि  नोट बंदी काला धन समाप्त करने के लिए की गयी हैं लेकिन एक पैसा वापस नहीं आ पाया. फिर मोदी सरकार की तरफ से बोला गया कि नोट बंदी से नकली करेंसी पर नकेल कसेगी. लेकिन भारत में 100 रुपए पर 2 पैसे के बराबर की नकली नोट हैं.

राहुल ने प्रधानमंत्री मोदी पर आरोप लगते हुए कहा कि मोदी जी ने 8 नवंबर के बाद विजय माल्या का  1200 करोड़ का लौन माफ़ कर दिया और उसे भगा दिया गया.  लेकिन जब मैंने मोदी जी से कहा कि किसानों का कर्जा माफ करो, उन्होंने सवाल का जवाब नहीं दिया, एक शब्द नहीं कहा. राहुल ने बोला कि प्रधानमंत्री मजदूरों का मजाक उड़ाते है और मनेरगा में काम करने वालें मजदूरों को गड्डा खोदने वाला कहते हैं.

राहुल गाँधी ने केंद्र द्वारा डिजिटल पेमेंट को बढावा दिए जाने पर भी कहा कि गरीब मजदूर को पैसा नकद में मिलता है तो वो डिजिटल पेमेंट कैसे करेगा? राहुल ने कहा कि हम कैशलेस इकोनॉमी  के खिलाफ नहीं है, लेकिन ये देश की जनता पर थोपा नहीं जा सकता. कैशलेस सिस्टम में 5 प्रतिशत सीधे मोदी जी के दोस्तों के पास सीधे जाएगा. राहुल गाँधी ने नोटबंदी को भ्रष्टाचार के नहीं बल्कि गरीबों के खिलाफ बताया. काले धन के विषय में राहुल गाँधी ने खा कि देश में सिर्फ 6 प्रतिशत काला धन ही नकद के रूप में हैं बाकी 94 प्रतिशत सोने और जमीन में बदला जा चूका हैं और इसका कुछ हिस्सा वेदेशों में जमा हैं. जब केंद्र सरकार के पास स्विस बैंक में अकाउंट धारकों के नाम है तो सर्कार उन नामों को क्यूँ नहीं बता रही हैं.

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