यूपी चुनाव : धर्म के नाम पर तेज हुई प्रदेश की राजनीती. खूब बोले योगी आदित्यनाथ

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state politics Intensified in the name of religion

उत्तर प्रदेश चुनावों का नाम आते ही यहाँ राम के नाम की राजनीति गर्म हो जाती हैं. अब चुनावो को केवल कुछ ही दिन रह गये हैं. ऐसे में धर्मों का मुद्दा तो सामने आना ही हैं . भाजपा का प्रचार इस तरह से किया जाता हैं कि मानो हिन्दुओं को पार लगाने के लिये ही इस पार्टी का गठन हुआ हैं और साथ ही मुस्लिमों को इस बात से डराना शुरू कर दिया जाता हैं की अगर भाजपा सत्ता में आती हैं तो मुस्लिमो के धर्म पर बात आ सकती हैं.

इस सोच के पीछे केवल आम आदमी की सोच ही नहीं बल्कि नेताओं के भाषण भी होते हैं. इन विधानसभा चुनावों में प्रचार करते समय कल मायावती न दादरी और मुज़फ्फरनगर के दंगो का जिक्र किया ही था. इसे कर्म में आज भाजपा के नेता योगी आदित्यनाथ का नाम भी जुड़ गया हैं. गोरखपुर से सांसद योगी आदित्यनाथ धुआंधार प्रचार कर रहे हैं. योगे की छवि वैसे भी हिन्दू नेता की बनी हुई हैं. साथ ही आज राजनाथ सिंह भी दादरी का दौरा करने वाले हैं.

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ये कहा योगी आदित्यनाथ ने .

पहले कैराना के पलायन के मुद्दे को चुनावी मुद्दा बनाने की बात करने वाले योगे आदित्यनाथ ने कहा हैं कि लव जेहाद आज भी बीजेपी के लिए मुद्दा है. योगी ने आजभी कैराना के मुद्दे के विषय में बात की. उन्होंने कहा कि यूपी को कश्मीर बनाने की कोशिश हो रही है.  साथ ही उन्होंने कहा कि बीजेपी की सरकार बनी तो अपराधियों की जगह जेल में होगी. यूपी में बढ़ती गुंडा गर्दी पर बात करते हुए भाजपा नेता ने कहा कि  छेड़खानी की घटना भी मुद्दा है और बीजेपी के लिए ये मुद्दे बने रहेंगे. उन्होंने एंटी रोमियो दल बनाने पर दिया जोर दिया. आपको याद दिला दें की भाजपा ने अपने घोषणापत्र में भी एंटी रोमियो दल बनाने की बात की हैं. उन्होंने समाजवादी पार्टी की सरकार पर आतंकियों को बचाने की वकालत करने का आरोप लगाया.

आज राजनाथ सिंह पहुंचेंगे अख़लाक़ के गाँव में.

आज गृह मंत्री राजनाथ सिंह अखलाक के गांव में रैली करने वाले हैं. नोएडा में दादरी के पास बिसाहड़ा गांव में डेढ़ साल पहले 28 सितंबर 2015 को अखलाक की हत्या कर दी गई थी. गोहत्या के आरोप में भीड़ ने अखलाक की हत्या की थी. जिसके बाद पूरे देश में यह मुद्दा चर्चा का विषय बन गया था. सपा के नातों ने इस मुद्दे को मुस्लिमों पर जुल्म बताते हुए उनकी सहानभूति बटोरनी चाही थी. अब शायद ऐसे ही कुछ राजनाथ सिंह भी करना चाह रहे हैं.

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