वर्ल्ड बैंक ने की जीएसटी में कुछ ऐसे टिप्पणी, जिसे सुनकर मोदी और अरुण जेटली परेशान

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World bank's comment on gst worries modi and arun jaitly

भारत में जीएसटी लागू होने के बाद व्यापारी और विपक्ष पूरी तरह से विरोध में है और साथ साथ अब ये भारत से बाहर दिखने लगा है क्योकि वर्ल्ड बैंक ने इसे लेकर एक टिप्पणी की है | वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट कहती है कि भारत में जीएसटी का फॉर्म सबसे मुश्किल है और इसकी टैक्स दरें दुनिया में दूसरी सबसे ऊंची हैं। विश्व बैंक की बुधवार को जारी रिपोर्ट में भारत में लागू जीएसटी को पाकिस्तान और घाना की श्रेणी में रखा गया है। दुनिया के 49 देशों में जीएसटी के तहत एक और 28 देशों में दो स्लैब हैं। भारत समेत पांच देशों में जाएसटी के पांच स्लैब हैं। भारत के अलावा इसमें इटली, लैकजम्बर्ग, पाकिस्तान और घाना शामिल हैं। भारत सरकार ने बीते साल 1 जुलाई को लागू किए जीएसटी ढांचे में पांच स्लैब (0, 5, 12, 18 और 28 फीसदी) बनाए गए।

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ये दी सलाह – विश्व बैंक ने अपनी रिपोर्ट में टैक्स रेट कम करने के साथ ही कानूनी प्रावधानों और प्रक्रियाओं को सरल बनाने की सलाह दी है। रिपोर्ट में कर प्रणाली के प्रावधानों को अमल में लाने पर होने वाले खर्च को लेकर भी सवाल उठाए गए हैं। बीते साल मोदी सरकार के जीएसटी को अमल में लाने के बाद से ही ये कर प्रणाली पर लगातार सवाल उठते रहे हैं, विपक्ष के साथ-साथ अर्थव्यवस्था के जानकार भी इसे बिना तैयारी के लागू करने की बात कहते रहे हैं। इसमें वित्तमंत्री अरुण जेटली कई मर्तबा बदलाव की बात कह चुके हैं। जेटली 12 और 18 फीसदी वाले स्लैब को एक करने की बात भी कह चुके हैं।

जीएसटी रिटेन फाइल करने की भी सीमा बढ़ी –

उद्योग और व्यवसाय जगत के लिए माल एवं सेवाकर (जीएसटी) रिटर्न भरने की मौजूदा व्यवस्था जून तक जारी रहेगी। जीएसटी परिषद ने शनिवार को हुई अपनी बैठक में रिटर्न दर्ज करने की मौजूदा जीएसटीआर- 3 बी व्यवस्था को तीन माह के लिये बढ़ा दिया है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जीएसटी परिषद की बैठक के बाद मीडिया को यह जानकारी दी। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) काउंसिल द्वारा रिटर्न दाखिल करने की वर्तमान प्रक्रिया को तीन महीने बढ़ाने की वजह से देश के व्यवसायी सरलीकृत बिक्री रिटर्न जीएसटीआर-3 बी जून तक दाखिल कर सकेंगे।

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अरुण जेटली ने बताया कि सामान को एक राज्य से दूसरे राज्य में लाने-लेजान के लिए ई-वे बिल एक अप्रैल से शुरू हो जाएगा। जेटली ने बताया कि निर्यातकों के लिए टैक्स छूट को और छह महीने तक बढ़ा दिया गया है। काउंसिल की बैठक में जीएसटी रिटर्न फॉर्म को सरलीकृत करने पर फैसला नहीं हो सका।

देश में हो रहा विरोध – जाहिर है की जेटली के इस कदम से देशवासी खुश नहीं दिख रहे और इसका काफी विरोध भी हुआ लेकिन सरकार ने किसी की नहीं सुनी और लागू कर दिया |

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