सपा-कांग्रेस गठबंधन के पीछे भाजपा का हाथ : मायावती

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चुनाव आयोग जल्द ही उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनावों की तिथि घोषित करने वाला हैं. ऐसे में सभी राजनितिक दल अपनी गतिविधियाँ तेज करने में लगे हुए हैं. इसी क्रम में बसपा सुप्रीमों मायावती ने कल प्रेस कांफ्रेंस की. मायावती ने मीडियाकर्मियों को बताया कि सपा और कांग्रेस का गठबंधन भाजपा के इशारें पर हो रहा हैं. अगर भाजपा को लगेगा कि इस गठबंधन से उत्तर प्रदेश में बीजेपी को कुछ फायदा होगा तबभी ये गठबंधन होगा अन्यथा ये गठबंधन नहीं होगा.

Bjp hand in SP-Congress alliance Mayawati

आपको ज्ञात हो कि सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव समय समय पर किसी भी गठबंधन की बात तो सिरे से नकारते नजर आते हैं लेकिन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव बहुत अवसरों पर कांग्रेस से होने वाले गठबंधन की सम्भावना को स्वीकार कर चुके हैं. इसी विषय पर मायावती ने अखिलेश यादव से पूछा कि जो कांग्रेस खुद उत्तर प्रदेश में ऑक्सीजन पर जीवित हैं उससे गठबंधन की सपा को क्या जरूरत हैं ?

मुस्लिम मतदाताओं को अपनी पार्टी की और आकर्षित करने के लिए मायावती ने कहा कि सिर्फ बसपा ही एक ऐसी राजनेतिक पार्टी हैं जिसने अपने शासनकाल में सभी तबकों का विशेषकर मुस्लिमों का ध्यान रखा हैं. मायावती ने भाजपा के नेताओं पर ये आरोप भी लगाया कि जब भाजपा के लोगों को जब ये लगा कि उत्तर प्रदेश में बसपा पूर्ण बहुमत से सरकार बनायेगी तब भाजपा ने सपा के नेताओं को को आय से अधिक संपति के मामलों में फसाने का डर दिखा कर कांग्रेस से गठबंधन करने की बात की. मायावती के अनुसार ये गठबंधन केवल मुस्लिम समाज को बाटने के लिए किया जा रहा हैं.

चुनावों से पहले मायावती ने फिर से मुज़फ्फरनगर दंगों को ज़िक्र करते हुए कहा कि इन दंगों का दाग सपा के लिए ठीक ऐसा ही हैं जैसा कि 2002 के गुजरात दंगों का बीजेपी के लिए.  कांग्रेस को भी मायावती ने उत्तर प्रदेश में हुए 1980, 87 और 88 के दंगों का जिम्मेदार बताते हुए खा कि सिर्फ बसपा ने ही विषम परिस्थियों में भी मुस्लिम समाज को सुरक्षा प्रदान की.

मायावती की प्रेस कांफ्रेंस में मायावती का ध्यान सपा और कांग्रेस के गठबंधन पर अधिक था. क्यूंकि अगर इन दोनों पार्टियों में गठबंधन हो जायेगा तो यूपी में मुस्लिम मतों का विभाजन हो जायेगा और इसका सबसे बड़ा फायदा बीजेपी को मिल सकता हैं.

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