पूर्वांचल में बीजेपी की इस रणनीति का पार पाना मुश्किल

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Not only from opponents, the rebels are also upset Shah and Modi

पूर्वांचल में बीजेपी इस रणनीति का पार पाना मुश्किल

बीजेपी ने पूर्वांचल में अपनी पैठ जमानी एक साल पहले से शुरू करदी थी जिसका पार पाना अब मुश्किल हैं और पूर्वांचल में बीजेपी की जीत लगभग तय लग रही हैं |

बीजेपी का यी आकड़ा –

पूर्वांचल में प्रदेश की कुल 403 सीटों में से 89 सीटें हैं, जिसमें से भाजपा के पास 2012 में सिर्फ 11 सीटें हासिल हुई थी, लेकिन 2014 के चुनाव में पार्टी को यहां से 18 लोकसभा सीटों में से 17 पर जीत हासिल हुई थी | पूर्वांचल में पार्टी के कई बड़े नेता बैठकें कर चुके हैं , जिसमें केंद्रीय मंत्री से लेकर खुद प्रधानमंत्री मोदी भी शामिल हैं। गत वर्ष दिसंबर माह में प्रधानमंत्री ने वाराणसी में 26000 भाजपा कार्यकर्ताओं संग बैठक भी की थी।

Not only from opponents, the rebels are also upset Shah and Modi

कई योजनाओ की शुरुआत पूर्वांचल से –

प्रधानमंत्री मोदी पिछले एक साल में तकरीनब आधा दर्जन बार पूर्वांचल आ चुके हैं, एक मई को पीएम बलिया आए और यहां उन्होंने प्रधानमंत्री उज्जवला योजना का शुभारंभ किया जिसके तहत गरीबों को गैस कनेक्शन दिया जाता है। वहीं जुलाई में पीएम गोरखपुर पहुंचे और यहां उन्होंने खाद्य फैक्ट्री की शुरुआत की, जिसकी कुल लागत 1000 करोड़ रुपए है, इसके अलावा 700 बेट का एम्स अस्पताल का भी शिलान्यास किया गया। इसके अलावा पीएम ने इन जगहों पर पर्यटन को बढ़ावा देने की भी बात कही, पीएम ने छोटे शहरों में हवाई सेवा शुरु करने की बात कही। इसके अलावा पीएम ने सोनौली से गोरखपुर राष्ट्रीय हाईवे, नेपाल सीमा से रुदौली, गोरखपुर से वाराणसी हाईवे के विकास का शुभारंभ किया जिसकी कुल लागत तकरीबन 1800 करोड़ रुपए है।

विकसित पूर्वांचल – समृद्ध भारत का टाइटल –

प्रधानमंत्री मोदी ने 24 अक्टूबर 2014 को वाराणसी में सिटी गैस डिस्ट्रिब्यूशन प्रोजेक्ट का शिलान्यास किया। उसी दिन पीएम ने यहां एक प्रचार भी शुरु किया जिसे विकसित पूर्वांचल-समृद्ध भारत का टाइटल दिया गया।
पूर्वांचा को अहम् जिम्मेदारी –

गत वर्ष जुलाई माह में मिर्जापुर से अनुप्रिया पटेल, चंदौली से महेंद्र नाथ पांडेय, देवरिया से कलराज मिश्रा, गाजीपुर से मनोज सिन्हा को पीएम मोदी ने कैबिनेट में जगह दी। इसके अलावा भाजपा ने कौशांबी से सांसद विनोद सोनकर को एससी मोर्चा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया, भदोही के सांसद वीरेंद्र सिंह को किसान मोर्चा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया, इसके साथ ही पूर्व बसपा विधायक दारा सिंह चौहान को ओबीसी मोर्चा का अध्यक्ष बनाया।

इन सब आकड़ो को देखते हुए पूर्वांचल में लगभग बीजेपी की जीत तय लग रही हैं |

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