उत्तराखंड चुनाव: मतदाओं ने लिया चुनावों हिस्सा. दोपहर 1 बजे तक 40 फीसदी मतदान हुआ

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Uttarakhand polls: voters took part. 40 percent polling till 1 pm

उत्तर प्रदेश के साथ साथ आज उत्तराखंड में भी मतदान हो रहा हैं. उत्तराखंड में मतदान से पूर्व व चुनाव प्रचार के दौरान काफी  मात्रा में काफ़ी मात्रा में नकद की बरामदगी के साथ ही  शराब और नशे की चीजों भी पुलिस को चेकिंग के दौरान मिली हैं, इसी के चलते आज मतदान दिवस पर  पुलिस के लिए कानून व्यवस्था को बनाये रखना चूनोती हैं.

कानून व्यवस्था बनाये रखना हैं चुनोती

इस बार के चुनावों में कानून व्यवस्था बनाये रखने में उत्तराखंड पुलिस के लिए इसलिए भी जरूरी हैं क्यूंकि कुमाऊ में माओंवादी इन चुनावों को रोकने की धमकी दे चुके हैं. चुनाव कराने के लिए 12,878 पुलिसकर्मी , 25 कम्पनी पीएसी और 105 कम्पनी केन्द्रीय पुलिस बल की तैनाती की गयी है. साथ ही  राजस्थान, हिमाचल, उत्तर प्रदेश और पंजाब से सुरक्षा बलों को बुलाया गया है.

Uttarakhand polls: voters took part. 40 percent polling till 1 pm

ये हैं उत्तराखंड का चुनावी गणित

इस बार के बाद उत्तराखंड के 13 जिलों की विधानसभा की कुल 70 सीटों की जगह 69 सीटों पर चुनाव हो रहा है. एक सीट पर उम्मीदवार की सड़क दुर्घटना में मर्त्यु चुनाव रोक दिया गया हैं. इस एक सीट पर चुनाव  9 मार्च को होगा.  उत्तराखंड की सभी सीटों को मिलकर कुल 637 उम्मीदवार चुनावी मैदान में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. इनमे से 575 पुरुष उम्मीदवार व  60 महिला प्रत्याशी और 2 अन्य प्रत्याशी शामिल हैं. यहाँ मुख्य मुकाबला सत्ताधारी कांग्रेस व विपक्ष भाजपा में हैं. बीजेपी और कांग्रेस ने सभी 70 सीटों के लिये अपने उम्मीदवार उतारे हैं जबकि बीएसपी ने 69 और यूकेडी ने 55 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं जबकि समाजवादी पार्टी ने 21 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं.

उत्तराखंड में भी भाजपा ने अभी तक मुख्यमंत्री का नाम नहीं खोला हैं. कांग्रेस की और से वर्तमान मुख्यमंत्री हरीश रावत को ही भावी मुख्यमंत्री के रूप में प्रोजेक्ट किया गया हैं.

ये हैं मुख्य मुद्दे

उत्तराखंड में मुख्य मुद्दा विकास का ही हैं. यहाँ की दूर दराज़ इलाकों में रह रही जनता अभी भी सड़क पानी और बिजली जैसी मुलभुत सुविधाओं का लाभ पाने से वंचित हैं. साथ ही यहाँ के अहम् मुद्दों में बेरोजगारी, अवैध खनन के अलावा प्राकृतिक आपदाओं से निपटने में प्रशासन की लापरवाही का मुद्दा भी मुख्य हैं.

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