यूपी चुनाव : चाचा भतीजे के बीच झगड़े की वजह बनता ये बाहुबली.

0
860

उत्तर प्रदेश में बाहुबली अतीक अहमद समाजवादी पार्टी के दो धुरंधरों के बीच बढ़ते झगड़े की वजह बनते जा रहे है. बाहुबली अतीक अहमद ने हाल ही में कानपूर में अपना शक्ति प्रदर्शन किया. जिसमे 200 कारों के काफिले ने यातायात व्यवस्था को धराशायी कर दिया था. अतीक अहमद अपराध की दुनिया का जाना माना नाम है. जिसकी इलाहाबाद में तूती बोलती थी.

अतीक अहमद पर बसपा विधायक राजू पाल की हत्या का आरोप लगा था. इसकी वजह से चौतरफा आलोचनाओं का शिकार बनने के बाद मुलायम सिंह ने दिसम्बर 2007 में बाहुबली सांसद अतीक अहमद को पार्टी से बाहर करना पड़ा था.  2013  में  समाजवादी पार्टी की सरकार बनने पर फिर से अतीक साइकिल के साथ हो चलें.

क्यूँ बने अतीक अहमद झगड़े की वजह

अखिलेश यादव नहीं चाहते कि कोई भी अपराधिक छवि वाला व्यक्ति चुनावों में खड़ा हो. इस पर वे अपना पक्ष भी रख चुके हैं. अखिलेश यादव का कहना है कि अगर समाजवादी पार्टी अखिलेश यादव के काम को मुद्दा बनाकर यूपी की जनता से वोट मांग रहे हैं तो उम्मीदवार चुनने का अधिकार भी अखिलेश को होना चाहिए. वहीँ अखिलेश के चाचा शिवपाल यादव का कहना है कि वे प्रदेश में सपा की प्रदेश अध्यक्ष का इसलिए चुनावों के लिए उम्मीदवार चुनना उनके अधिकार क्षेत्र में आता हैं.

bahubali ahmed is main reason  for fight between uncle nephew

क्यूँ बदले अखिलेश ने उम्मीदवार

अखिलेश यादव की लिस्ट से अतीक का नाम गायब हैं. सिर्फ अतीक नहीं शिवपाल के बहुत से चेहेतों के नाम मुख्यमंत्री की लिस्ट से नदारद हैं. इसके पीछे यह कारण बताया जा रहा है कित्रों के मुताबिक, अखिलेश यादव ने पार्टी उम्मीदवारों के जीतने की संभावना पता लगाने के लिए एक निजी एजेंसी को सर्वे का काम दिया था. एक सर्वे से मिले फीडैबक के आधार पर मुख्यमंत्री ने कुछ मौजूदा मंत्रियों और विधायकों सहित कई लोगों का नाम उम्मीदवारों की लिस्ट से हटा दिया.

अतीक का निर्दलीय कार्ड

अखिलेश यादव ने इन चुनावों में अपने पसंदीदा उम्मीदवारों की लिस्ट मुलायम सिंह यादव को देकर सपा के भीतर जो हलचल मचायी है उससे अतीक अहमद भी प्रभावित हुए बिना नहीं रह पायें. अखिलेश यादव की लिस्ट में अपना नाम न होने की खबर सुन कर अतीक तुरंत लखनऊ रवाना हो गयी और सपा सुप्रीमों मुलायम सिंह यादव से मुलाकात की.

मुलाकात के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए अतीक ने कहा ,” ‘टिकट तो छोटा मुद्दा है. आप जानते हैं कि मैं कई बार निर्दलीय जीतता रहा हूं.” हालाँकि अतीक अहमद के अनुसार नेताजी ने उन्हें चुनावों की तैयारी करने को कहा हैं. लेकिन चाचा शिवपाल और भतीजे अखिलेश यादव के बीच बिछती इस चुनावी बिसात में ये बाहुबली ताकतवर मोहरा बनता नज़र आ रहा हैं.

Previous articleनये साल से शुरू करेगी बीजेपी किसानो की रिझाने की कोशिश.
Next articleआँखों की सुजन हटाने के उपाय

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here